नमस्कार मित्रों, आज हम जानेंगे कि पौधों में खाद की कमी कैसे पता करें? Fasal me khad ki jarurat kaise pata kare. पिछली पोस्ट में मैने आपको बताया था की फसल और पौधों के लिए आवश्यक खाद तत्व कौन कौन से होते हैं – नही जानते तो यहाँ पढ़े
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Fasal me khad ki jarurat kaise pata kare खाद की कमी से पौधों पर दिखने वाले लक्षण के बारे में जाने!
आज में आपको खाद् की कमी से फसल में दिखने वाले लक्षण के बारे में बताउगा। ताकि आप भी अपनी फसल में खाद् की कमी से होने वाले लक्षण को पहचान कर उनकी पूर्ति कर अच्छा उत्पादन ले सके।
खादों की कमी से पौधों में दिखने वाले लक्षण:
1 नाइट्रोजन:-
- नाइट्रोजन की कमी से पौधे पीले पड़ते है।
- जड़ों और पोधो की प्रोग्रेस रुक जाती है।
- न्यू अंकुरण व फूलों में कमी आती है।
- पौधों की निचली पत्तिया गिरने लगती है जिसे क्लोरोसिस कहते है।
- फलदार पौधों का गिर जाना और पौधों का बोना दिखना और फसल का जल्दी पक जाना ये सब नाइट्रोजन की कमी के लक्षण होते है।
2 फोस्फोरस:-
- फोस्फोरस की कमी के कारण पौधों का विकास नही हो पाता है।
- पौधे के पत्ते दूसरी तरफ से बैगनी हलके नीले रंग के हो जाते है।
- पौधों की जड़ो का समुचित विकास नही हो पाता हे और कही बार जड़े सुख भी जाती है।
- इसकी कमी की वजहा से फलो सही तरीके से नही पक पाते हे। पौधे के तना गहरा पीला हो जाता हे।
3 पोटैशियम:-
- पौधों के पत्ते गिरने लगते है।
- इसकी कमी से पत्तों की किनारों पर भूरे और पीले रंग के दाग लगते है।
- और पत्तों के ऊपरी सिर झुलसे हुए दीखते है।
4 आयरन:-
- पौधों में वर्द्धि रुक जाती है।
- इसकी कमी के कारण पत्तों का ऊपरी हिस्सा पीला पड़ने लगता है।
- पत्तियों की किनारों और नसों का अधिक समय तक हरा बना रहना।
- नई कलिकाओ का मर जाना और पोधो के तानो का छोटा रहा जाना।
5 बोरान:-
- बोरान की कमी के कारण फूल पर भूरे दाग पड़ने लगते है और फल फट जाते है।
- इसकी कमी के कारण फूलों में परागण ठीक तरीके से नही हो पाता है और फूल पौधे से गिरने स्टार्ट हो जाते है।
6 जिंक:-
- पत्ते झड़ने लगते है। पौधों के पत्ते छोटे छोटे रह जाते है और उनका ऊपरी भाग पीला हो जाता है।
- गेहू के उपरी 3 या 4 पत्तियों का पीला पड़ना।
- फलो का आकर छोटा रहना और पैदावार में कमी आना।
7 मलीब्डेनम:-
- इसकी कमी से पत्ते के दूसरे हिस्से में चिपचिपा भूरे रंग का द्रव जमा हो जाता है।
- इसकी तत्व की कमी के कारण पहले पत्ते पीले होते है और उसके ऊपर भूरे रंग के दाग पड़ने लगते है।
- टमाटर की निचली पत्तिया मुड़ जाती है। फिर मोल्टिंग व नेक्रोसेस रचनाये बन जाती है।
8 कापर:-
- इसकी कमी के कारण पौधों में डायबक जैसा रोग हो जाता है।
- कापर की कमी के कारण पौधों का ऊपरी हिस्सा विकास नही कर पता है।
9 केल्सियम:-
- केल्सियम की कमी के कारण नई पत्तों के किनारे मूड और सुकुड जाते हे।
- फल और सब्ज़ियाँ बिना पके ही मुर्जा जाते है।
- जड़ों का विकास कम होता हे और ग्रन्थियो की संख्या में कमी हो जाती है।
10 सल्फर( गंधक):-
- नई पत्तियों का पिला पड़ना बाद में सफ़ेद हो जाना तना ज्यादा विकसित ना हो पाना
- सरसों की पत्तियों का पायलेनुमा हो जाना।
11 क्लोरिन:-
- इसकी कमी के वजह से बरसीम की पत्तिया एक सामान नही रहती हे उनमें छोटी मोटी पत्तिया होने लगती है।
- बन्द गोबी के पत्ते मुड़ना स्टार्ट हो जाते है।
12 मैग्नीशियम:-
- यह चारे वाली फसल के लिए बहुत जरूरी होता है।
- इसकी कमी के कारण पत्तिया पूरी तरह से विकसित होने से पहले ही उनका ऊपरी सिरा मुड़ जाता है।
- दलहन वाली फसलो में पत्तों की मुख्य नसों का बीच वाला भाग पीला पड़ जाता है।
NOTE:- दोस्तों इन तत्वों की कमी को बहुत ही बारीकी से समझना जरूरी होता है। क्यों की बहुत सी बार खेत में नाइट्रोजन की अधिकता के कारण भी फसलो के पत्तों का रंग पीला हो जाता है और कमी के कारण भी और ऊपर पोस्ट में आपने पड़ा होगा की और भी कई तत्वों से पत्ते पीले पड़ सकते हें। इसलिए आप जिस भी खाद् का उपयोग करे उस से पहले मिट्टी परीक्षण की जाँच रिपोर्ट और किसी विद्वान से ज़रुर पूछे फिर डाले।
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