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Jamin me paani kaise khoje – Dowsing Method डाउजिंग विधि
नमस्कार दोस्तों पिछली पोस्ट में मैंने बोरवेल ट्यूबवेल लगाने के लिए जमीन में पानी कैसे खोजें पर एक पोस्ट लिखी थी।
1 dowsing विधि( डाउजिंग)
2 नारियल विधि
3 जोतिष्य विधि
4 वनस्पति विधि
जिसमे पेड़ पोधों से पता करते है। लेकिन सारी विधिया की केवल छोटे रूप में बताई थी।
फिर मैंने उनसे कुछ प्रश्न किये वो में आपके साथ शेयर करता हू।
Jamin Me Paani Kaise Khoje ये डाउजिंग क्या होती है ?
यह एक प्रकार की प्राचीन कला है। जिसका प्रयोग चिकित्सा के क्षेत्र में,मकान बनाने में, भूमि के गुण दोष पता करने में, गड़े हुए धन का पता लगाने में,भूमिगत जल का पता लगाने में ,जमीन के अन्दर की ऊर्जा का पता लगाने और मन के रहस्य जानने के लिए किया जाता है।
जमीन के अन्दर पानी देखने के लिए किस तरीके से इसका प्रयोग करते है ?
भूमिगत जल का पता लगाने के लिए सबसे पहले हमें तांबे की रोड जो की अँग्रेजी के Lआकर की होती है। उन्हें अपने दोनों हाथो में ले कर खेत पर सब तरफ घूमेंगे। जहा पर भी ये दोनों छड़ आपस में क्रास होगी उस जगह को चिन्हित करेगे
ये छड़ क्रास कैसे और क्यों होती है ?
जमीन के गुरुत्वाकर्षण होता है। जिससे वो ऊपर फेकी जाने वाली चीज़ो को अपनी और खींच लेती है। इसके अलावा भी कई प्रकार की ऊर्जा और तंरगे जमीन के अन्दर ये छड़ उन तरंगों से प्रभावित हो कर हलचल में आ जाती है।
Jamin Me Paani Kaise Khoje कैसे पता चलता है। यहाँ पानी की सम्भावना है ?
जहाँ ये छड़ ज्यादा प्रभावी ढंग से काम करती है वहां जमीन के अंदर पानी की लेक होती है।
क्या इस तरीके से में और दूसरे व्यक्ति भी पानी का पता लगा सकते है ?
हाँ क्यों नही लेकिन उसके लिए निरन्तर अभ्यास और समय लगता है। लगातार अभ्यास करने से इसका अनुभव हो जायेगा।
फिर वो तांबे की 2 छड़ को अपने हाथों में लेकर खेत के सभी तरफ घूमे कई जगह पर छडो में हलचल हुई जहाँ जहाँ हलचल हुई उस जगह को मार्क किया ये सब करने में लगभग 40 से 50 मिनट का समय लगा उसके बाद राकेश जी ने अपनी अटेची से एक मीटर निकाल कर उसके अंदर 2 केबल (तार) से जोड़ा उस तार के दूसरे हिस्से पर लोहे की छड़ें लगी हुई थी उन्हें लगभग 30 से 40 फिट दूर ले जा कर जमीन के अन्दर गाड़ दिया । फिर उस मीटर को ओन किया । मीटर चालू करने के बाद उस मीटर पर लगे बटन को वो घुमाने लगे उस मीटर की डिस्प्ले पर कुछ नंबर आने लगे उसे वो एक पेपर पर नोट करते रहे ।
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वाटर डिडेक्टर |
ये सब कार्य करने के बाद उन्होंने मुझे 700 से 800 फिट के बीच में 2 से 3 इंच पानी होने के लिए बताया ।
फिर मैने उनसे पूछा
क्या इस विधि से 100%पानी मिल पाता है
उनका जबाब था 90%सफलता मिलती है कई बार बोरवेल खाली भी चले जाते है।
फिर मैंने पूछा खली किस कारण से चले जाते है।
लगातार जल स्तर का घटना
कई और उसी लेक पर बोरवेल का लग जाना
गलत अनुमान लग जाना
आदि कई कारणों से पानी नही आता है।
यह सर्वे करवाने के बाद मैंने एक सप्ताह बाद बोरवेल लगवाई मुझे 2.5 इंच पानी आया लेकिन 868 पर मिला।
इसके अलावा मैंने नारियल और सगुनियो के प्रयोग भी करवा के फिर बोरवेल लगवाया था। क्यों की सिर्फ dwasing या किसी एक विधि का प्रयोग कर के पैसे की बर्बादी नही कर सकते है। इसलिए आप भी जितनी भी पानी ढूंढने की विधिया हो उनका प्रयोग कर के ही बोरवेल नलकूप लगवाये।
अगली पोस्ट में आपको वनस्पति(पेड़ पोधों,बेल) जिन को सगुनिये पानी देखने में प्रयोग करते है उस के बारे में विस्तार से बताउगा।
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धन्यवाद आपका
My Kisan Dost
Hello i am Anuj Godara..
AAp bahut accha likhte hai or batate hai..
Thanks for sharing……..
Thanks anju g hosla badane ke ke liye