दोस्तों आज हम इस पोस्ट मे आपसे शेयर करेंगे सोयाबीन की टॉप वैरायटी Best Varieties of Soyabean के बारे मे बात करेंगे।
खरीब की फ़सल का सीज़न शुरू हो गया है ऐसे में मध्यप्रदेश और मध्यप्रदेश के आस पास के राज्यो में सोयाबीन की फ़सल काफी ज्यादा मात्रा में लगाई जाती है। हम सिर्फ़ मध्यप्रदेश की बताये तो लगभग 53 लाख हेक्टियेर क्षेत्रफल में इसकी खेती की जाती है जो की देश मे प्रथम सोयाबीन (Soybean) उत्पादन वाला राज्य है और यही पर इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, सीहोर में काफी किस्मों पर रीसर्च भी किया जाता है।
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Best Varieties of Soyabean सोयाबीन की टॉप वैरायटी
आज में 6 Best Varieties of Soyabean सोयाबीन की टॉप वैरायटी के बारे में पूरी जानकारी दूँगा, जिसे किसान भाइयों दुवारा बहुत ज्यादा पसंद करी जाती है। जिनका उत्पादन भी अच्छा है और रोगों से लड़ने की क्षमता भी काफी अच्छी होती है। इसमें हम आपको कुछ वेरायटी ज्यादा वर्षा वाले क्षेत्रों के हिसाब से और कुछ कम वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए बताएंगे
पूरे मध्यप्रदेश के लिये 6 टॉप वैरायटी best varieties of soyabean जो सबसे ज्यादा लगाई जाती है और कम समय में पकने वाली क़िस्म है।
जे एस 9560 / JS 9560
- कम दिनों में पकने वाली क़िस्म
- पकने का समय 82 से 88 दिन
- उत्पादन 18 से 20 क्विंटल प्रति हे.
- कम वर्षा में उपयुक्त
- दाना बड़ा पिला नाभिका भूरी बैगनी फूल तना सीधा फलिया नीचे से शुरू हो जाती है पौधे की ऊँचाई कम रोगों से लड़ने की क्षमता ज्यादा तेल की मात्रा
जे एस 2034 / Js 2034
- सोयाबीन 2034 कम अवधि वाली फ़सल है यह 87 से 88 दिन में फ़सल तैयार होती है। इसका उत्पादन 20 से 25 क्विंटल होती है।
- सफ़ेद कलर का फूल होते है मध्यम ऊँचाई वाला पौधा होता है।
- अल्प वर्षा हेतु उपयुक्त हल्का पीला कलर का दाना नाभि काले कलर की होती है। गर्मी सहन करने की क्षमता अधिक होती है।
- बोने का समय जून के अंतिम सफ्ताह से जुलाई का पहला सफ्ताह
NRC 86
- अवधि मध्यम, 90-95 दिन
- उपज 20-25 क्विंटल/हैक्टेयर
- 100 दाने का वजन 13 ग्राम से ज्यादा
- अंकुरण क्षमता काफी अच्छी है।
- विशेषताएं: सफेद फूल,
- भूरे कलर की नाभी एवं रोये,
- परिमित वृद्धि, गर्डल बीटल और तना-मक्खी के लिये प्रतिरोधी, चारकोल राॅट एवं फली झुलसा के लिये मध्यम प्रतिरोधी
RVS 2001-4
- फसल की अवधि लगभग 92-95 दिन होती है।
- औसतन उत्पादन 25 क्विंटल प्रति हेक्टर
- सीधा फैलाव वाला पौधा का रंग ब्राउन (भूरा), फूलो का रंग सफ़ेद होता है। रूहेदार पौधा होता है। नाभि का कलर लाल होता है। जल
- भराव या ठहराव वाली जगह भी अच्छा रिजल्ट मिला है।
- तेल की मात्रा 21.5 प्रतिशत। प्रोटीन 42 प्रतिशत, और मजबूत जड़ तंत्र होने से जड़ सड़न, एवं पीला मोजक रोग, फलिया रोयेदार होने से गर्डल बीटल, सेमीलूपर आदि के लिए सहनशील है।
- फलियो के चटकने की समस्या नहीं है ।
Js 2029
- यह 95 से 100 दिन की फ़सल होती है। अधिक वर्षा में फ़सल खड़ी रह सकती है।
- उत्पादन क्षमता 25 से 30 किविंटल प्रति हेक्टियेर
- फूलों का कलर इसमें सफ़ेद होता है।पौधे आकर में लंबे होते है।
- इसमें फलिया दो दानों वाली अधिक होती है।
जे एस 9305 / JS 9305
- 2008 अनुमोदन
- पकने का समय 90 से 95 दिन
- उत्पादन 20 से 25
- मध्य क्षेत्र के लिये उत्तम
- रंग पीला नाभि काली दाना आकार में बड़ा फूल बैगनी रंग के पत्तियां सकरी होती है फलियों में 4 दाने फली चिकनी
फलिया चटकती नही है रोगों से लड़ने के प्रति प्रतिरोधक क्षमता
** तो किसान भाइयों ये 6 Best Varieties of soyabean सोयाबीन की टॉप वैरायटी थी जिन्हें किसान ज्यादा पसंद करते है।और अधिक क्षेत्रफल में बुवाई करते है। निश्चित ही आज की जानकारी आपके काम आएगी और किसान भइयो इस साल यदि आप सोयाबीन की किसी भी क़िस्म की बुवाई कर रहे है तो पहले उसका बीज़ अंकुरण परीक्षण जरूर कर ले क्यो की पिछले साल अत्यधिक बारिश से बीज़ अंकुरण क्षमता प्रभावित हुई है बीज़ अंकुरण परीक्षण कैसे करना है उसकी क्या विधी है उस पर मैने पहले ही पोस्ट लिखी है तो आप इस लिंक को ओपन कर के जरूर पढ़ ले ।
इस पर अगर आप वीडियोस देखना चाहते है तो आप हमारे चैंनल पर विजिट करें।
यह पोस्ट आपको कैसी लगी कमेंट जरूर करे और आप सोयाबीन की खेती के बारे में क्या क्या जानकारी हमारी आने वाली पोस्ट में पढ़ना चाहते हो जरूर बतायें।