नमस्कार दोस्तों, MKD में आपका स्वागत है। आज की इस पोस्ट में हम बात करेगे की (strawberry ki kheti) स्ट्रॉबेरी की खेती कैसे करे ? दोस्तों मेरा हमेशा ही ये प्रयास रहता है की में अपने किसान भाइयों के लिए जो लाभकारी जानकारी हो उसके बारे में लिखूं ताकि किसान अधिक लाभ कमा सके।
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Strawberry ki Kheti स्ट्रॉबेरी की खेती कैसे करे पूरी जानकारी हिंदी में
स्ट्रॉबेरी की खेती कर कई सारे किसान भाई बहुत अच्छा मुनाफ़ा कमा रहे। तो चलिए जानते है की स्ट्रॉबेरी की खेती केसे करे?
Strawberry Farming स्ट्रॉबेरी के बारे में:-
स्ट्रॉबेरी एक बहुत ही नाज़ुक फल होता है। जो की स्वाद में हल्का खट्टा और हल्का मीठा होता है। दिखने में दिल के आकर का होता है। और इसका रंग चटक लाल होता है। ये मात्र एक ऐसा फल है। जिसके बीज बाहर की और होते है। आपको जानकर आश्चर्य होगा की स्ट्रॉबेरी की 600 किस्में इस संसार में मौजूद है। ये सभी अपने स्वाद रंग रूप में एक दूसरे से भिन्न होती है।
इसमें अपनी एक अलग ही खुशबू के लिए पहचानी जाती है। जिसका फ्लेवर कई सारी आइसक्रीम shake आदि में किया जाता है। Strawberry में कई सारे विटामिन और लवण होते है जो स्वास्थ के लिए काफी लाभदायक होते है।इसमें काफी मात्रा में विटामिन C एवं विटामिन A और K पाया जाता है। जो रूप निखारने और face में कील मुँहासे आँखो की रौशनी चमक के साथ दाँतों की चमक बढ़ाने का काम आते है इनके आलवा इसमें केल्सियम मैग्नीशियम फोलिक एसिड फास्फोरस पोटेशियम होता है।
स्ट्रॉबेरी की प्रमुख किस्में:-
भारत में स्ट्रॉबेरी की अधिकतर किस्में बाहर से मगवाई हुई है।व्यावसायिक तोर पर खेती करने के लिए प्रमुख वेरायटी:
- ओफ्रा
- कमारोसा
- चांडलर
- स्वीट चार्ली
- ब्लेक मोर
- एलिस्ता
- सिसकेफ़
- फेयर फाक्स
Strawberry ki kheti स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए मिट्टी और जलवायु:-
वैसे तो इसकी खेती के लिए कोई मिट्टी तय नही है फिर भी अच्छी उपज लेने के लिए बुलाई दोमट मिट्टी को उपयुक्त माना जाता है।इसे ph 5.0 से 6.5 तक मान वाली मिट्टी भी उपयुक्त होती है। यह फसल शीतोष्ण जलवायु वाली फसल है जिसके लिए 20 से 30 डिग्री तापमान उपयुक्त रहता है। तापमान बढ़ने पर पोधों में नुकसान होता है और उपज प्रभावित हो जाती है।
स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए खेत की तैयारी:-
सितम्बर के प्रथम सप्ताह में खेत की 3 बार अच्छी जुताई कर ले फिर उसमे एक हेक्टेयर जमीन में 75 टन अच्छी सड़ी हुई खाद् अच्छे से बिखेर कर मिटटी में मिला दे। साथ में पोटाश और फास्फोरस भी मिट्टी परीक्षण के आधार पर खेत तैयार करते समय मिला दे
स्ट्रॉबेरी पौधा |
स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए बेड तैयार करना:-
खेत में आवश्यक खाद् उर्वरक देने के बाद बेड बनाने के लिए बेड की चौड़ाई 2 फिट रखे और बेड से बेड की दूरी डेड फिट रखे। बेड तैयार होने के बाद उस पर ड्रेप एरिगेशन की पाइपलाइन बिछा दे। पौधे लगाने के लिए प्लास्टिक मल्चिंग में 20 से 30 सेमी की दूरी पर छेद करे।
स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाने का सही समय 10 सितम्बर से 15 ओक्टुम्बर तक लगा देना आवश्यक है। यदि तापमान ज्यादा हो तो पौधे सितम्बर लास्ट तक लगा ले।
Strawberry ki kheti स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए खाद् और उर्वरक:-
स्ट्रॉबेरी का पौधा काफी नाज़ुक होता है। इसलिए उसे समय समय खाद् और उर्वरक देना ज़रुरी होता है। जो की आपके खेत के मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट को देखकर देवे। मल्चिंग होने के बाद तरल खाद् टपक सिंचाई के जरिये देवे।
जिसमे नाइट्रोजन फास्फोरस p2o5 और पोटाश k2o को कृषि विज्ञानिकों की सलाह ले कर समय समय पर देवे
आवश्यकता होने पर पोधों पर भी समय समय पर छिड़काव करे।
स्ट्रॉबेरी की खेती की सिंचाई :-
पौधे लगाने के बाद तुरंत सिंचाई की जाना चाहिए समय समय पर नमी को ध्यान में रखकर सिंचाई करना चाहिए स्ट्रॉबेरी में फल आने से पहले सूक्ष्म फव्वारे से सिंचाई कर सकते है फल आने के बाद टपक विधि से ही सिंचाई करे।
स्ट्रॉबेरी में लगने वाले किट और रोग-
कीटों में पतगे मक्खियाँ चेफर, स्ट्राबेरी जड़ विविल्स झरबेरी एक प्रकार का कीड़ा ,रस भृग ,स्ट्रॉबेरी मुकट किट कण जैसे किट इसको नुकसान पंहुचा सकते है।इसके लिए नीम की खल पोधों की जड़ों में डाले इसके अलावा पत्तों पर पत्ती स्पाट ,ख़स्ता फफूंदी,पत्ता ब्लाइट से प्रभावित हो सकती है। इसके लिए समय समय पर पोधों के रोगों की पहचान कर विज्ञानिकों की सलाह में कीटनाशक दवाइयों का स्प्रे करे।
स्ट्रॉबेरी में लो टनल का उपयोग:-
पाली हाउस नही होने की अवस्था में किसान भाई स्ट्रॉबेरी को पाले से बचाने के लिए प्लास्टिक लो टनल का उपयोग करे जिसमे पारदर्शी प्लास्टिक चंदर जो 100-200 माइक्रोन की हो उसका उपयोग करना चाहिए प्लास्टिक लो टनल के बारे में अधिक जानने के लिए आप दी गयी लिंक को खोल कर पूरी पोस्ट पढ़े। ⇒ पलास्टिक लो टनल के बारे में जानकारी
स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए शासन की तरफ से अनुदान-
अलग अलग राज्यों में उधानिकी और कृषि विभाग की तरफ से अनुदान भी है। जिसमे प्लास्टिक मल्चिंग और ड्रेप एरिगेशन फुवारा सिंचाई आदि यंत्र पर 40 से 50%तक अनुदान भी मिल जाता है।
स्ट्रॉबेरी की खेती की उपज एवं लाभ का गणित-
अच्छी किस्म के प्रति पौधे की कीमत 15 रूपये से लगाकर 25 रूपये तक हो सकती है।
एक बीघा में, 10 हजार से लगाकर 12 हजार पौधे अनुमानित लग जाते है। एक स्वस्थ पौधे से 200 ग्राम से 300 ग्राम तक, फल प्राप्त किया जा सकता है। दिल्ली मुंबई जैसे महानगरों में स्ट्रॉबेरी की प्रति किलो की कीमत 100 रूपये से लगाकर 200 रूपये तक होती है। यदि देखा जाये तो किसानों लागत से ज्यादा मुनाफ़ा स्ट्राबेरी की खेती में है
दोस्तों आपको ये पोस्ट (strawberry ki kheti) कैसी लगी हमें comment के जरिये जरूर बताये यदि दी गयी जानकरी के बारे में आपको कुछ पूछना हो तो आप मुझे नीचे कॉमेंट कर जरूर पूछे जितनी भी हो सकेगी में आपकी help करने की कोशिश करुँगा|
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जय किसान जय भारत ……….
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Mujhe apni fasal bechne me pareshani ho rahi hai
यदि आप strberry की बेचने की बात कर रहे हो तो उसे आपको देहली की आजादपुर मंडी या ओकला मंडी में बेचना पड़ेगा
मुझे स्ट्रॉबेरी के बीज के बारे में बताये में नागौर राजस्थान का रहने वाला हूँ ।
नमस्कार सर ।
मेरा नाम राजकुमार चोटिया ह और में नागौर राजस्थान का रहने वाला हूँ ।
मुझे स्ट्राबेरी बोने के लिए बिज की आवश्यकता ह वो कहा से मिलेगा
और ये भी बताये की स्ट्राबेरी की फसल पूरी कितने महीने में ली जा सकती ह
पौधा तयार होने में और फल पकने में कितना समय लगता ह ।
मुझे स्ट्राबेरी बोने के लिए बिज की आवश्यकता ह वो कहा से मिलेगा!
नर्सरी कब तैयार करे