हेलो दोस्तों,
आज हम बताएँगे कि, ber ki kheti बेर की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग और उनकी रोकथाम कैसे करें?
Table of Contents
Ber ki kheti और बेर मे लगने वाले रोगों की जानकारी।

1 बेर की मक्खी
यह घरेलु मक्खी से थोड़ी छोटी है और भूरे रंग की होती है| यह जब बेर छोटे होते है तब उनके अंदर छेद केर के घुस जाती है, और अंदर का सारा गुदा खा जाती है, और बेरी ख़राब हो जाती है, और नीचे गिर जाती है। इससे बेर की खेती ber ki kheti ख़राब हो जाती है।
उपाय:-
जब बेर लगना शुरू हो जाये तो डायमेथोयेट 30ec(rogor) को 500 lt. पानी मे मिलाकर प्रति एकड़ पर स्प्रे करे।
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2 छालभक्षी (bank eating caterpillar)
यह कीट पेड़ की डाली मे जॉइंट वाली जगह या तने की छाल मे छेद कर के उसे खाते है| जिन बागों की देखभाल नहीं होती है ये वहां अक्सर पाए जाते हैं। ये पेड़ की शाखाओं को कमजोर कर देता है जिससे पेड़ सूखने लगता है और उसकी शाखायें गिर जाती है।
उपाय:-
जुलाई अगस्त मे डाइक्लोरवास 76ec 2 मिलीलीटर प्रति लीटर मे घोल कर के शाखाओं के जोड़ पर 2 या 3 बार स्प्रे करें।
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3 दीमक(termite)
पेड़ को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाली होती है और सभी किसान दोस्त जानते है इस के बारे मे ये पेड़ पर मिट्टी का घर बना कर उसमे रह कर पेड़ के तने और जड़ों को खा जाती है। जिसके कारण पेड़ पूरा सूख जाता है।
उपाय:-
पेड़ के आस पास सफाई रखे, गोबर की कच्ची और हरी खाद का उपयोग न करे, पेड़ के आस पास थोड़ी गहरी निदाई गुड़ाई करते रहे और पौधों मे इसकी शिकायत दिखने पर प्रति एकड़ मे एक लीटर क्लोरोपायरी फार्स सिचाई करते टाइम देना चाहिए।
4 छाछया, चूर्ण फफूंद:-
यह बरसात होने के बाद इस रोग का प्रकोप दिखने लगता है। इसमें बेर पर और पत्तियों पर सफ़ेद पाउडर जमना शुरू हो जाता है जिससे बढ़वार रुक जाती है और पत्ते गिर जाते हैं।
उपाय:-
केराथेन lc 1 या गंधक 2 ग्राम प्रति लीटर का 15 दिन के अंतराल पर 2 या 4 स्प्रे करने है।
5 चेफर बीटल
यह खासतौर पर नए पत्तों और प्ररोहो को ज्यादा नुकसान पहुंचते है, उनमे छेद हो जाते है।
उपाय:-
पहली बरसात के तुरंत बाद क्यूनालफास 25 ec 2मी.ली. Ya डब्लूपी 4 ग्राम प्रति लीटर के हिसाब से छिड़काव करे।
6 झुलसा रोग
इस रोग मे जनवरी और फरवरी मे पत्तों पर धब्बे बनना स्टार्ट हो जाते है और पत्ते झुलस जाते है।
उपाय:-
मैन्कोजेब 2 ग्राम या इन्ड़ोफिल m45 को एक लीटर मे 0.2% का घोल बना कर स्प्रे करना चाहिए।
7 फल गलन
फलगलन मे बेर के निचले हिस्से मे धब्बे बन जाते है और उसका विकास रुक जाता है और फल ख़राब होने लगते है।
उपाय:-
किसान दोस्त कॉपर आक्सीक्लोराईट 2 ग्राम प्रति लीटर मे 0.2% की दर से घोल बना कर स्प्रे करे।
नोट:- के पाठक पहले फसल पर रोगों की सही पहचान करे उसके बाद विषेशज्ञों की सलाह ले कर ही दवाइयों का प्रयोग करे और अधिक जानकारी के लिए बागवानी विभाग मे संपर्क करे।
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यशजी इस सार्थक प्रयास के लिए आभार।
धन्यवाद मित्र ।
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